योग से विचारों में पवित्रता आती है : समता चौधरी


     अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर विगत् वर्षों की भांति दिल्ली विश्वविद्यालय के पी.जी.डी.ए.वी. कॉलेज (सांध्य) में इस वर्ष मेधाविनी सिंधु सृजन के सहयोग से 18-21 जून 2018 तक पाँच दिवसीय योग कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसके समापन समारोह के अवसर पर प्रसिद्ध योग विशेषज्ञ सुश्री समता चौधरी ने मुख्य अतिथि के रूप में योग के संबंध में अपने विचार रखते हुये कहा कि योग व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ बनाता है। उन्होने कहा कि योग के कारण मनुष्य का जीवन तनाव से मुक्त रहता है जिसके कारण उसके विचारों में पवित्रता आ जाती है।  उन्होने यह भी कहा कि आजकल कि भागदौड़ भरी ज़िंदगी में योग मनुष्य के मन को शांत रखता है और इससे आत्मा का परमात्मा से सहज ही साक्षात्कार हो जाता है। 


इस अवसर पर एन.सी.सी. कैडेट्स के लिए चल रही पाँच दिवसीय योग कार्यशाला के समापन समारोह के अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रवीन्द्र कुमार गुप्ता ने विद्यार्थियों और प्राध्यापकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि योग केवल व्यायाम नहीं है, वह साधना है। योग जहाँ मनुष्य के शरीर को स्वस्थ रखता है वहीं वह उसको आत्मिक संतुष्टि भी प्रदान करता है।' मानव जीवन में शुचिता के लिए योग बड़ी भूमिका निभाता है। उन्होने कहा कि तन, मन, बुद्धि और आत्मा के संयोग ही योग है। योग का मतलब ही जुड़ाव है इसलिए योग मनुष्यता का दूसरा रूप है। 





समापन समारोह के अवसर पर कॉलेज के 100 से अधिक प्राध्यापकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों ने समारोह में भाग लिया। कॉलेज के शारीरिक शिक्षा प्राध्यापक डॉ. प्रमोद सेठी ने मुख्य अतिथि का परिचय देते हुये बताया कि विगत् 26 वर्षों से समता चौधरी योग के द्वारा सभी उम्र के लोगों की शरीरिक एवं मानसिक स्वस्थता के लिए सहायता कर रही हैं।


इस अवसर पर कॉलेज में योग में अनेक राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। 



कार्यक्रम के अंत में डॉ सुरेश चन्द्र शर्मा ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर डॉ. रुक्मिणी, डॉ. सत्यकाम शर्मा, डॉ. हरीश अरोड़ा, सुनीता भाटिया आदि उपस्थित रहे। 


Comments

Popular posts from this blog

FIVE ‘’S” NUCLEUS : The Fundamentals of Indian Culture

जाति-पंथ सब भले अलग पर खून तो हिंदुस्तानी है – गजेंद्र सोलंकी

Ayurveda is the WAY OF LIFE